tag:blogger.com,1999:blog-7308606979720379571.post743810811181440268..comments2023-10-25T20:25:08.946+05:30Comments on ENDEAVOUR, एक प्रयास: तिरुपति वाले बालाजी भगवान नहीं है!Aashuhttp://www.blogger.com/profile/01903987800218010521noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-7308606979720379571.post-88369717798102399782012-08-13T20:05:37.120+05:302012-08-13T20:05:37.120+05:30Eesana Sarva Vidyanam, Esvarah Sarva Bhutanam Brah...Eesana Sarva Vidyanam, Esvarah Sarva Bhutanam Brahmadhi Patir Brahmanodhi Patir Brahma Sivo Me Astu, Sada Sivom.Sara sanssar ishwaar kaaa hi hai....Log aisa maante hai ki kalyug hai yaa scientific age hai;hum samjhdaar hai ...... 21st century hai...Lekin fir bhi aap bhool jatey hai ki bhagya hi apke jiwan ko banata hai! Aur jo bhi ho raha hai,ishwar ki iksha se hi hota hai.Iss prakaar se aap nishcintt rahye aur apne jiwan ka sahi upayog kijiye!Richik Sinhahttps://www.blogger.com/profile/10590632322089637139noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7308606979720379571.post-65539436410340706432010-06-19T08:36:43.436+05:302010-06-19T08:36:43.436+05:30Kanyakumari se Kashmir tak, Dharam ke naam chor ek...Kanyakumari se Kashmir tak, Dharam ke naam chor ek jaise hi hain!Shri Ram Ayyangarhttps://www.blogger.com/profile/14257285894514756544noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7308606979720379571.post-76758378031538617152010-03-21T10:38:11.790+05:302010-03-21T10:38:11.790+05:30@गिरिजेश राव जी! कुछ ऐसी ही बात मैं अपने पोस्ट के ...@गिरिजेश राव जी! कुछ ऐसी ही बात मैं अपने पोस्ट के माध्यम से कहना भी चाह रहा था. अगर तिरुपति मन में भक्ति-भावना से जाएँ तो वो सब कुछ देखकर दुःख होता है. यही कहना चाह रहा था कि यदि वहाँ जाना है तो पर्यटन की सोच के साथ ही जाएँ और बालाजी को एक व्यवसायी ही मानें. उन्हें कुछ देंगे तभी वो वापस आपको कुछ दे पायेंगे. खैर, अपने देश में जहां भ्रस्टाचार हर तरफ फैला हुआ है वहाँ हम अपने भगवान से भी उम्मीद कर सकते हैं की वो भी हमारा काम करने के लिए कुछ घूस जरूर लेंगे.<br />धन्यवाद आपकी टिप्पणी और आपके विचार के लिए!Aashuhttps://www.blogger.com/profile/01903987800218010521noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7308606979720379571.post-76183046575217956142010-03-21T09:55:27.013+05:302010-03-21T09:55:27.013+05:30तिरुपति एक औद्योगिक घराना है । यहाँ की तीर्थयात्रा...तिरुपति एक औद्योगिक घराना है । यहाँ की तीर्थयात्रा एक उद्योग में इनवेस्टमेंट जैसा है जिसका रिटर्न पुण्य है। ऐसा सोच कर देखिए न ! :)<br />बाकी मन चंगा तो कठौती में गंगा। हाँ, सांस्कृतिक झाँकी आ आनन्द लेने के लिए पर्यटन किया जाय तो बात ही अलग हो जाती है। फिर बाला जी नहीं, बाला जी के परिवेश से जुड़ने और उसकी विशिष्टताओं को परखने में ही परमानन्द है।गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7308606979720379571.post-5694490270689665092010-03-19T22:35:53.982+05:302010-03-19T22:35:53.982+05:30यही तो बात है महादेव जी! अपने धर्म में बाकी किसी भ...यही तो बात है महादेव जी! अपने धर्म में बाकी किसी भगवान के पास मन चंगा तो कठोती में गंगा मगर बालाजी के पास मन से नहीं चलने वाला वहाँ धन चाहिए. 'तन-मन को मारो गोली और धन के साथ खेलो होली' बस यही है बालाजी के यहाँ का मूलमंत्र!Aashuhttps://www.blogger.com/profile/01903987800218010521noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7308606979720379571.post-11749300867637831542010-03-19T22:31:40.190+05:302010-03-19T22:31:40.190+05:30मै भी तीर्थ स्थलो पर जाता हुं तो कई बार पंडो के व्...मै भी तीर्थ स्थलो पर जाता हुं तो कई बार पंडो के व्यवहार एवम प्रबन्धकारिणी समिति की उदासिनता देख दुखी हो जाता हुं। लेकिन निंदा से काम नही चलने वाला । सम्बन्धित अधिकारियो से मिल कर अपनी विचारधारा से अवगत कराए। मै भी मंदीरो मे दर्शन के लिए टिकट की व्यवस्था को अच्छा नही मानता - लेकिन कुछ लोग है जो ईसे अच्छा बताते है। मन चंगा तऽ कठवती में गंगा।...Unknownhttps://www.blogger.com/profile/16469024875698149431noreply@blogger.com