लगभग 3 साल से इस ब्लॉग पर सक्रिय हूँ. आज ये पोस्ट मेरी सौवीं पोस्ट बनकर आ रही है. जानता हूँ कि 3 साल के इस लम्बे सफ़र के लिए ये संख्या थोड़ी कम है, मगर देर आये दुरुस्त आये. इधर कुछ समय से इस पोस्ट के लिए मन में काऊंटडाउन चल रहा था और उम्मीद थी कि इसे एक स्पेशल पोस्ट बनाऊंगा. मगर आज जब लिखने बैठा हूँ तो कुछ मिल नहीं रहा. एक तरह की ख़ुशी मन में बैठी हुई है जो शायद इससे दूर हटकर सोचने का मौका ही नहीं दे रही. बार बार अपने ही ब्लॉग के बारे में सोचकर इस यात्रा की खबर मन में ले रहा हूँ. कहाँ था और कहाँ आ गया.
शुरुआत बड़े भाई के प्रोत्साहन पर फरवरी 2008 में हुई मगर सही मायनों में पहली पोस्ट मार्च में ही लिख सका था. अंग्रेजी से शुरू हुई इस सफ़र ने कई मोड़ देखे. शुरूआती दिनों में ज्यादातर फिल्मों के बारे में ही लिखता था. एकाध हिंदी के पोस्ट को छोड़कर सारे पोस्ट अंग्रेजी में ही होते थे. इस साल की शुरुआत में अचानक कुछ हिंदी ब्लॉग पढ़ कर हिंदी में लिखने की रूचि जग गयी. रोज-मर्रा की ज़िन्दगी से कुछ पहलुओं को उठाकर यहाँ पर लिखने लगा. आज हालत ये हो आई है कि एकाध अंग्रेजी के पोस्ट को छोड़कर सबकुछ हिंदी में ही लिखता हूँ. कभी मन में अंग्रेजी लिखने की बात भी आती, तो टाल जाता था. मगर इधर कुछ दिनों पहले दोनों भाषाओँ के लिए अलग अलग ब्लॉग का ख्याल मन में आया तो अंग्रेजी के लिए भी एक ब्लॉग बना ही डाला.
पढाई के बोझ के कारण ज्यादा समय नहीं दे पाता था ब्लॉग पर इसलिए ज्यादा नियमित नहीं हो पाता था. अक्सर या तो परीक्षा ख़त्म होने की खुमारी छाई रहती थी या आने वाले परीक्षाओं की परेशानी ही मन को घेरे रखती थी. ऐसे में जो भी समय बचता था उसमे ब्लॉग ही लिख लिया करता था. पिछले 2 सालों में जहां सिर्फ 50 पोस्ट लिख सका था वहीँ इस साल के दसवें महीने में ही 50 और पूरे हो गए. इस साल की शुरुआत में अपने लिए एक लक्ष्य तय किया था. इस ब्लॉग को नियमित चलाने के लिए और अपनी पढाई और इसके बीच समन्वय बनाये रखने के लिए मैंने हफ्ते में एक पोस्ट के दर का लक्ष्य मन में तय किया था. हालांकि बीच-बीच में कुछ समय के लिए अनियमित होता रहा हूँ मगर, फिर भी अभी तक अपने लक्ष्य से आगे ही हूँ और उम्मीद करता हूँ कि साल का अंत भी इसी तरह से होगा.
अनियमितताओं से अच्छा याद आया. एक बार ऐसा समय आ गया था ब्लॉग पर जहाँ हर पोस्ट की शुरुआत माफ़ी के साथ ही होती थी, माफ़ी ब्लॉग पर न आने की. शायद पोस्ट की शुरुआत के बारे में कुछ सोचने की जरुरत ही नहीं पड़ती थी. मालूम होता था कि शुरुआत तो माफ़ी से ही होगी. मगर शुक्र है कि अब ऐसा नहीं है. जहां तक इस महीने का सवाल है तो ये महिना मेरे ब्लॉग पर सबसे ज्यादा व्यस्त रहा. 10 पोस्ट इसके पहले मैंने किसी महीने में नहीं लिखे थे. ख़ास कर के इसके पहले के दो महीनों में जो अनियमितता आई थी उससे ब्लॉग्गिंग के प्रति रूचि खो बैठने का डर भी लगने लगा था. भला हो हमारी 'उनका', जिनके एक झूठे सपने ने फिर से मुझे ब्लॉग लिखने का प्रोत्साहन दे दिया. एक रोज़ 'उनका' फ़ोन आया और उन्होंने कहा कि उन्होंने एक सपना देखा है कि आज मैं ब्लॉग लिखूंगा, और साथ में शाम तक इस सपने को साकार करने का आग्रह भी था. अब उनका सपना और ऐसा आग्रह, इनकार कैसे कर सकता था. और फिर एक नयी शुरुआत हो आई ब्लॉग पर.
आप लोगों को पकाने का कोई इरादा नहीं था मेरा आज. मगर क्या करूं, बातों बातों में ही आपको पका ही डाला. क्या करूं, मन में एक ख़ुशी जो है. आप सब से बाटना चाहता था इसलिए ये सब लिख दिया. खैर, उम्मीद है कि आप सब का साथ बना रहेगा और मेरी ये गाड़ी, मद्धम गति से ही सही, मगर चलती रहेगी!
15 comments:
शुभ कामनाएं , बधाइयाँ ।
मुबारक हो जनाब !!
mubarak ho....aage bhi likhte rehna lekin...phir wahi....balance ke saath....best o luck....
चलिए जी, बहुत-बहुत शुभकामनाएं और बधाई। संख्या और गुणवत्ता में से अगर चुनना हो तो गुणवत्ता ही चुनना चाहिए।
और हां, उन्हें कहिए सपने कुछ अधिक देखें ताकि हमें कुछ अधिक पढने को मिलता रहे।
फिर से मुबारक हो।
मुबारक हो
मुबारक हो .. शुभकामनाएं !!
बहुत-बहुत शुभकामनाएं और बधाई।
100 VI POST KE BADHAI
100वीं पोस्ट की बधाई और शुभकामनाएं।
बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनायें...
100वीं पोस्ट की बधाई और शुभकामनाएं।
आशु भाई, सौंवी पोस्ट की बधाई स्वीकारें। आशा है हमें जल्दी ही आपकी 150वीं और फिर 200वीं पोस्ट भी पढने को मिलेगी।
---------
मन की गति से चलें...
बूझो मेरे भाई, वृक्ष पहेली आई।
बधाई और बहुत बहुत शुभकामनाये ..जल्दी ही दूसरा शतक पूरा हो.
शुभकामनाओं के लिए बहुत बहुत धन्यवाद! उम्मीद है साथ बना रहेगा!
शानदार शतक मुबारक हो .आप सबको दिवाली की शुभ कामनाएं आज आवश्यकता है यह विचार करने की के हम हैं कौन?
Post a Comment