तेरे ख्वाबों मे खो जाने को दिल चाहता है,
तेरी दिल्लगी मे दिल लगाने को दिल चाहता है.
दिल चाहता है दम भर तुम्हे देखता रहूँ,
तेरे साथ हर पल मे एक ज़िंदगी जी लेने को दिल चाहता है.
तेरी हर साँस को महसूस करने को दिल चाहता है,
तेरे बदन की खुशबू मे महक जाने को दिल चाहता है.
दिल चाहता है तेरी सांसो मे कहीं खो जाऊं,
तेरे हर साँस को अपना बना लेने को दिल चाहता है.
तेरी झील सी इन आँखों मे घर बनाने को दिल चाहता है,
तेरे दिल के किसी कोने मे बस जाने को दिल चाहता है.
दिल चाहता है हर पल तेरे साथ रहूँ,
तेरी बाँहों मे छोटा सा एक आशियाँ बनाने को दिल चाहता है.
नैनों मे तेरे काजल बन कर रह जाने को दिल चाहता है,
बिंदियाँ बनकर तेरे माथे को चूमने को दिल चाहता है.
दिल चाहता है कानों की बाली बनकर तेरे गालों को चुमूं,
आइना बनकर हर वक्त तेरे दीदार करने को दिल चाहता है.
दिल सहम जाता है तुझसे जुदा होने के बस ख्याल से
टूट जाता है दिल तुझसे अलग होने के हर सवाल से
दिल चाहता है तेरी ज़िंदगी का एक हिस्सा बन जाऊँ,
तेरे साथ पूरी ज़िंदगी गुजार देने को दिल चाहता है.
अंशुमान आशु
4 comments:
क्या आशु ये ग्रीटिंग कार्ड वाली कविता कहाँ से लाये हो?
क्या आशु ये ग्रीटिंग कार्ड वाली कविता कहाँ से लाये हो?
priya aashuji,
maine aapki kavita padhi. padh ke main romanchit ho gayi. aisa laga jaise mai kahi kho gayi hu. sach me aapki kavita mere dil ko chu gayi.
aapki prashanshika.
ऊपर वाला कमेंट मेरा नही है!
Post a Comment