Monday, January 11, 2010

कुछ यूँ ही!

काफी दिनों से ये ब्लॉग बिना किसी हलचल के रुका हुआ था। इन दिनों में कई ऐसे विषय सामने आये जिसपे कुछ लिखने का मन हुआ पर लिख न पाया। फिल्मो में रूचि होने के कारण ही शायद 3 Idiots इन सभी विषयों में सबसे ऊपर था। फिल्म देख कर काफी अच्छा लगा, खैर इसके बारे में बाद में विस्तार से कभी। इसी फिल्म कि कहानी को लेकर हुए विवाद पर भी कुछ लिखना चाहा था पर लिख न पाया। MBBS अंतिम वर्ष कि परीक्षा चल रही है और ये एक बड़ा कारण है कि मैं कुछ लिखने के प्रति ज्यादा समय नहीं दे पाया। मगर जहाँ तक समय देने की बात का सवाल है तो ये तर्क मेरे कुछ न लिखने के लिए कतई सही नही हो सकता क्यूंकि इसी बीच में मैंने अपने इसी ब्लॉग में कई तरह के बदलाव भी किये। हो सकता था कि इन बदलावों में लगाए गए समय को मैं किसी ज्यादा सृजनात्मक कार्य, जैसे ब्लॉग लिखने, में लगा सकता था मगर ब्लॉग लिखना मेरे लिए सिर्फ समय देना ही नहीं बल्कि अपनी सोच को शब्द देना भी है जिसमे दिमाग का काफी इस्तेमाल होता है। परीक्षा के समय पढ़ाई के अलावा दिमाग को कही और लगाना शायद अनुचित होता इसलिए मैंने न ही लिखने का निर्णय किया।
बहरहाल जैसा की मैंने पहले कहा की इन दिनों इस ब्लॉग पर कुछ बदलाव किये गए हैं जिनका ज्यादातर सम्बन्ध इसकी प्रतीति से ही है। ब्लॉग template के अलावा २-३ gadgets जोड़े गए हैं जिनका कोई ख़ास मतलब नहीं है मगर बस यूँ ही। आशा है ये बदलाव पढ़ने वालो को आकर्षित करेंगे।
परीक्षा के बावजूद भी कुछ समय इन्टरनेट के लिए निकल ही जाता था और आजकल इन्टरनेट पर प्राथमिकताओ में सबसे ऊपर twitter रहा। अपना twitter link दे रहा हूँ, अगर चाहें तो उस सफ़र में भी साथी बन सकते हैं। twitter के बारे में सबसे अच्छी जो चीज मुझे लगी वो है काफी कम समय में अपने विचारो को आप व्यक्त कर सकते हैं। मेरे जैसे लोगो के लिए जिन्हें ब्लॉग में ज्यादा समय दे पाना मुश्किल हो जाता है या जो आलस की वजह से कई बार कुछ विषयो पर लिखने की सोचने के बावजूद लिख नहीं पाते उनके लिए twitter का microblogging एक ज्यादा आरामदायक और संतोषजनक सफ़र है। ब्लॉग और tweet में टेस्ट क्रिकेट और २०-२० का ही सम्बन्ध है और टेस्ट क्रिकेट की तरह ही ब्लॉग भी सदा सभी की प्राथमिकताओं में ऊपर ही रहेंगे।
twitter के अलावा इन दिनों मेरा आकर्षण हिंदी ब्लॉग की तरफ भी कुछ बढ़ा। रविश कुमार और मनोज जी के ब्लॉग पढ़ के काफी अच्छा लगा। बिहारी होने के गर्व का एहसास हुआ और हिंदी में कुछ लिखने की प्रेरणा भी मिली। शायद आगे चलकर हिंदी में कुछ ज्यादा लिख सकूँगा और फिल्मों के अलावा भी कई विषयों पर अपने विचार रख पाऊँगा।

2 comments:

मनोज कुमार said...

आपके विचार और भावनाएं पढ़कर अच्छा लगा। यह भी प्रेरित कर गया कि आप हमारे ब्लॉग को पसंद करते हैं। इससे जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। बहुत शुभकामनाएं।

Aashu said...

धन्यवाद मनोज जी। आपकी शुभकामनाओं से बल मिलेगा कि कुछ सार्थक प्रस्तुत कर सकूँ।